तुम 'प्रेम की दीवानी' और मैं "प्रेम दीवाना"


तुम प्रेम की दीवानी हो ,और मैं तेरा 'प्रेम दीवाना',
मेरे प्रेम से अनभिज्ञ हो तुम, चलो मैने ये भी माना,

आया हूँ तेरे जीवन में ,  प्रेम के सहस्र रंग भरने,
मेरे सतरंगी रंगों का मर्म ,शायद तुमने ना जाना,

बनने और बदलने की काबिलियत तो है मुझमे,
शायद मेरे हुनर को तुमने अब तक ना पहचाना,

तेरा हर ख़्वाब मेरे ख़्वाब से पहले मुक़म्मल न हो,
तो मत कहना किसी से,  हूँ मै तेरा पागल दीवाना,

यकीन कर औरो की तरह, महज़ दावेदार नही मैं,
हाथ थाम, फिर देख कैसे फ़तेह करता है दीवाना,

खूबसूरत च़ेहरे का नही तेरी रूह का तलबगार हूँ मैं,
दुनियावी भीड़ में , तूने मेरे अनन्य-प्रेम को न जाना ,

आजमाइश पर आजमाइश से ,ना कर परख मेरी,
तेरी आजमाइशों में ,कही टूट ना जाए ये परवाना,

जानता हूँ अंतर्मन से विचलित हो तुम 'अतीत' के,
सबकुछ फिर से सजा दूँगा ,कहता है मन मस्ताना,

तेरे मीठे बोल हर रोज़ सुनना ,अब किस्मत हो मेरी,
यही सोचा, मांगा है रब से,और यही है मन में ठाना,

'प्रेम' विश्वास का नाम है,तुम यकीन कर देखो 'मेरा',
दौलत,शौहरत,कदमों में ना रख दूं,तो कहना 'जाना',

तुम प्रेम की दीवानी हो ,और मैं तेरा 'प्रेम दीवाना',
मेरे प्रेम से अनभिज्ञ हो तुम,चलो मैने ये भी माना ।।






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