"अधूरी हकीक़त अधूरा फ़साना"
वो तेरा हर बात हंसना मुझे बहुत याद आएगा, वो मेरा रातों को यादकर के रोना-सिसकना भी याद आएगा, याद आएगी तेरी पाजेब की छनछनाहट, वो तेरे झुमके के नगीनों का चमकना भी बहुत याद आएगा, याद आएगा तेरी अंगूठी पर जड़ित 'श्याम रत्न', वो तेरी सुनहली चूड़ियों का खनखन खनकाना भी याद आएगा, याद आएगी तेरे हाथों की काली गुदी हुई सजावट, तेरा मेंहदी लगी हथेलीयों से खुद का च़ेहरा छुपाना याद आएगा, ये बेवजह बारिशों की छम-छम बूंदे भी याद आएगी, वो सर्द मौसम के ख्वाब में तेरा मुझमे सिमट जाना याद आएगा, याद आएगा हमारी कई अनकही बातों का सिलसिला, वो एक-दूसरे को रूठने-मनाने का ये भ्रम भी बहुत याद आएगा, याद आएगा तेरा मदरसे की बच्चियों से अगाध प्रेम, वो तेरा काॅफी का मग पकड़कर फोटो खींचाना भी याद आएगा, याद आएगा तेरा 'बिल्ली' से बेवजह डरना, वो तेरा मुझको भी 'इलुमिनाती' समझना बहुत याद आएगा, याद आएगा तेरा माथे पर बिखरी लटों का सुलझाना, वो तेरी बचकानी बदमाशीयों का सिलसिला भी मुझे याद आएगा, याद आएगा कि तुम कभी मेरी किस्मत मे थी ही नही , वो तेरा उसको बेपनाह टूटकर चाहना मुझको