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'आम आदमी पार्टी' अब राष्ट्रीय पार्टी

आदमी पार्टी को देश की राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला मिलना मुझे कुछ ऐसा लगा कि जैसे भारत को आज ऑफिशियली हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया गया हो,जो कि पहले से हिंदू बहुल,हिंदू बहुसंख्यक ही था। राष्ट्रीय पार्टी होना तो आम आदमी पार्टी के गठन के पहले दिन से ही तय था,बस देश में आधिकारिक तौर पर घोषणा आज की गई है। @Nasar

"अधूरी हकीक़त अधूरा फ़साना"

वो तेरा हर बात हंसना मुझे बहुत याद आएगा, वो मेरा रातों को यादकर के रोना-सिसकना भी याद आएगा, याद आएगी तेरी पाजेब की छनछनाहट, वो तेरे झुमके के नगीनों का चमकना भी बहुत याद आएगा, याद आएगा तेरी अंगूठी पर जड़ित 'श्याम रत्न', वो तेरी सुनहली चूड़ियों का खनखन खनकाना भी याद आएगा, याद आएगी तेरे हाथों की काली गुदी हुई सजावट, तेरा मेंहदी लगी हथेलीयों से खुद का च़ेहरा छुपाना याद आएगा, ये बेवजह बारिशों की छम-छम बूंदे भी याद आएगी, वो सर्द मौसम के ख्वाब में तेरा मुझमे सिमट जाना याद आएगा, याद आएगा हमारी कई अनकही बातों का सिलसिला, वो एक-दूसरे को रूठने-मनाने का ये भ्रम भी बहुत याद आएगा, याद आएगा तेरा मदरसे की बच्चियों से अगाध प्रेम, वो तेरा काॅफी का मग पकड़कर फोटो खींचाना भी याद आएगा, याद आएगा तेरा 'बिल्ली' से बेवजह डरना, वो तेरा मुझको भी 'इलुमिनाती' समझना  बहुत याद आएगा, याद आएगा तेरा माथे पर बिखरी लटों का सुलझाना, वो तेरी बचकानी बदमाशीयों का सिलसिला भी मुझे याद आएगा, याद आएगा कि तुम कभी मेरी किस्मत मे थी ही नही , वो तेरा उसको बेपनाह टूटकर चाहना मुझको

तुम 'प्रेम की दीवानी' और मैं "प्रेम दीवाना"

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तुम प्रेम की दीवानी हो ,और मैं तेरा 'प्रेम दीवाना', मेरे प्रेम से अनभिज्ञ हो तुम, चलो मैने ये भी माना, आया हूँ तेरे जीवन में ,  प्रेम के सहस्र रंग भरने, मेरे सतरंगी रंगों का मर्म ,शायद तुमने ना जाना, बनने और बदलने की काबिलियत तो है मुझमे, शायद मेरे हुनर को तुमने अब तक ना पहचाना, तेरा हर ख़्वाब मेरे ख़्वाब से पहले मुक़म्मल न हो, तो मत कहना किसी से,  हूँ मै तेरा पागल दीवाना, यकीन कर औरो की तरह, महज़ दावेदार नही मैं, हाथ थाम, फिर देख कैसे फ़तेह करता है दीवाना, खूबसूरत च़ेहरे का नही तेरी रूह का तलबगार हूँ मैं, दुनियावी भीड़ में , तूने मेरे अनन्य-प्रेम को न जाना , आजमाइश पर आजमाइश से ,ना कर परख मेरी, तेरी आजमाइशों में ,कही टूट ना जाए ये परवाना, जानता हूँ अंतर्मन से विचलित हो तुम 'अतीत' के, सबकुछ फिर से सजा दूँगा ,कहता है मन मस्ताना, तेरे मीठे बोल हर रोज़ सुनना ,अब किस्मत हो मेरी, यही सोचा, मांगा है रब से,और यही है मन में ठाना, 'प्रेम' विश्वास का नाम है,तुम यकीन कर देखो 'मेरा', दौलत,शौहरत,कदमों में ना रख दूं,तो कहना 'जाना&#

नामुमकिन अब मेरे जीवन का ये सफर लगता है

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नामुमकिन अब, मेरे जीवन का ये सफर लगता है, तुम बिन सदियो सा ,अब एक-एक पहर लगता है, नहीं भाता तुम्हारें बगैर ,अब कुछ भी मुझको, खाना-पीना तक ,मुझको अब ज़हर लगता है शून्य हो गया है, मेरा हाड़-मांस का बदन भी , मस्तिष्क ,तुम्हारी यादों के ज्वर में जल रहा है, स्मृतिपटल में बस तुम्हारी ही छवि दिखाई देती है ध्यान भी,तुम पर आकर कहीं अटक सा गया है रूक गया है अब मेरा सब कुछ तुम पर आकर ये वक्त भी मेरा तुम्हारी आस में ठहर सा गया है जो भी हो रहा सब ,घटनाक्रम समझ के परे है मेरे मायूस,थका,उदास ,अब हर एक मंजर हो गया है जीवन जीने का सरस-रस भी ,अब नीरस हो गया है भूत-वर्तमान-भविष्य मेरा सब एक सदृश हो गया है नामुमकिन अब,मेरे जीवन का ये सफर लगता है, तुम बिन सदियो सा, अब एक-एक पहर लगता है ।।